रेडियो के उस पार की एक छोटी सी
कहानी ..!!
अच्छा आपने कभी सोचा है कि अक्सर रेडियो पर जो हंसता हुआ शख्श आपसे बात करता है क्या वो वाकई स्टूडियो में बैठ कर मुस्कुरा रहा होता है ? शायद नहीं.. है ना...क्योंकि है तो वो भी इंसान ही, बिलकुल हमारी तरह... उसमें भी हमारी तरह ही इमोशन हैं।
आज मैं बात कर रही हूँ अपनी एक अज़ीज़ दोस्त की, जिसे मैंने कॉलेज के दिनों से रेडियो पर बोलते हुए सुना है। या यूं कहूं तो माइक बंद कर उसे कई बार रोते हुए भी सुना है। बात उस दिन की है जब मै फ़ोन पर उससे बात कर रही थी, अचानक वो रोने लगी... रुआंसे गले से वो बोली... सुधा... मम्मी हॉस्पिटल में हैं... मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा अभी मेरा शो चल रहा है छोड़ नहीं सकती। और घर पर भी कोई नहीं है। उस वक्त मुझे लगा कि मैं अचानक से बड़ी हो गई, मैंने उसे चुप कराया और समझाया कि सब ठीक है। पर सच कहूं तो मेरे पास उसे कहने के लिए इस कठिन वक़्त में कुछ नहीं था फिर भी उसे हिम्मत देने की कोशिश कर रही थी लेकिन अचानक उसने कहा रुको मेरा लिंक (रेडियो पर व एयर) आने वाला है.....मै फ़ोन पर ही थी और मैंने सुना कि उसने झट से अपने आंसू पोछते हुए कान में हैडफोन लगाया और माइक ऑन करते ही मुस्कुरा कर अपना संवाद (Rj Talk) पूरा करने लगी....
वाकई 2 मिनट के लिए मैं खुद को उससे छोटा महसूस कर रही थी क्योंकि जो काम वो कर रही है वह करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है। रो कर दूसरों को हंसाना हर कोई नहीं कर सकता। हमनें कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि उस 2 मिनट के लिंक के लिए आरजे कितनी मेहनत करते हैं या अपने दुःख को छुपाते है क्योंकि उनके लिए उनकी प्रॉब्लम उनके लिस्नर्स की स्माइल से बड़ी नहीं होती।
मेरा ये सलाम उस हर आरजे के लिए है जिसने हमेशा अच्छे गाने और अच्छी बातों से सबको हंसाया है।
I salute your work and the way you work Anjani, this is for you…..
Since 5 years your voice has been buzzing in every one’s ears and that is
your image, your reputation and this is your wealth which you have earned by yourself.
I m very proud of you. You are my best friend....!!!